मदर टेरेसा पर निबंध 150 शब्दों में - Mother Teresa Essay in Hindi

 इस लेख में हम मदर टेरेसा पर दो निबंध देखेंगे, जिनमें एक निबंध सरल शब्दों में और संक्षिप्त में लिखा हुआ हैं और दूसरा मदर टेरेसा पर निबंध 150 शब्दों में लिखा हैं। मदर टेरेसा पर निबंध लिखने और उनका जीवन परिचय जानने के लिए इस लेख को पूरा पढ़ें।

मदर टेरेसा पर निबंध - Mother Teresa Par Nibandh

मदर टेरेसा पर निबंध 150 शब्दों में - Mother Teresa Essay in Hindi
मदर टेरेसा पर निबंध 150 शब्दों में - Mother Teresa Essay in Hindi

मदर टेरेसा एक महान आत्मा थीं जिन्होंने अपने जीवन को दूसरों की सेवा में समर्पित किया। उनका जन्म 26 अगस्त 1910 को स्कॉटलैंड के स्कोपेल में हुआ था, और उन्होंने अपने जीवन के बड़े हिस्से को जरुरतमंदो, गरीबों, और बिना घर के लोगों की मदद करने में बिताया।

मदर टेरेसा का जीवन और कार्य हमें यह सिखाता है कि निःस्वार्थ सेवा ही असली सेवा होती है। वे एक साधू महिला थीं जिन्होंने गरीब और असहाय लोगों के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने मिशनरीज ऑफ चैरिटी नामक संस्था की स्थापना की और वहाँ के बच्चों की पढ़ाई का संचालन किया।

मदर टेरेसा का मुख्य संदेश था कि हमें दूसरों की मदद करना चाहिए, खासकर जो लोग बेहद असहाय होते हैं। वे धार्मिक नहीं थीं, लेकिन उनकी सेवा दूसरों के लिए, उनके लिए उनके दिल की सच्ची इच्छा थी।

मदर टेरेसा की मृत्यु के बाद, उनके कार्य को दुनियाभर में मान्यता मिली और उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार भी प्रदान किया गया। वे एक महान मानवता की प्रतीक थीं और उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि हमें दया, सेवा, और समर्पण के माध्यम से दुनिया को बेहतर बनाने का प्रयास करना चाहिए।

इस तरह, मदर टेरेसा ने हमें सामने एक सच्चे मानव के रूप में अपने आप को साबित किया और उनका नाम सदैव हमारे दिलों में बसा रहेगा।

मदर टेरेसा पर निबंध 150 शब्दों में

मदर टेरेसा जीवन परिचय

मदर टेरेसा एक कैथोलिक नन और मिशनरी थीं, जिन्हें उनकी दया और सेवा के लिए दुनिया भर में जाना जाता था। उन्होंने 1950 में भारत में मिशनरीज ऑफ चैरिटी की स्थापना की, जो गरीबों, बीमारों, अनाथों और मरने वालों की सेवा करने वाली एक अंतरराष्ट्रीय धार्मिक संस्था है। मदर टेरेसा ने अपने जीवन में 45 से अधिक वर्षों तक दूसरों की सेवा की, और उन्हें उनके काम के लिए कई पुरस्कार और सम्मान मिले, जिनमें 1979 में नोबेल शांति पुरस्कार भी शामिल है।

मदर टेरेसा का जन्म 26 अगस्त, 1910 को स्कॉटलैंड के स्कोपेल में हुआ था। वह एक धार्मिक परिवार में पली-बढ़ी, और 18 साल की उम्र में उन्होंने लोरेटो सिस्टर्स में शामिल होने के लिए स्कॉटलैंड छोड़ दिया। उन्होंने भारत में अपना नन बनने का प्रशिक्षण पूरा किया, और 1929 में कोलकाता पहुंचीं।

कोलकाता में, मदर टेरेसा गरीब और बीमार लोगों की सेवा के लिए प्रेरित हुईं। उन्होंने 1950 में मिशनरीज ऑफ चैरिटी की स्थापना की, जो गरीबों, बीमारों, अनाथों और मरने वालों की सेवा करने वाली एक अंतरराष्ट्रीय धार्मिक संस्था है। मिशनरीज ऑफ चैरिटी ने भारत के अलावा दुनिया भर के 125 देशों में आश्रम और अस्पताल खोले हैं।

मदर टेरेसा की सेवाओं ने दुनिया भर में लोगों को प्रेरित किया। उन्हें उनके काम के लिए कई पुरस्कार और सम्मान मिले, जिनमें 1979 में नोबेल शांति पुरस्कार भी शामिल है। 5 सितंबर, 1997 को कोलकाता में उनका निधन हो गया।

मदर टेरेसा एक महान व्यक्ति थीं, जिन्होंने अपने जीवन को दूसरों की सेवा में समर्पित कर दिया। उनकी दया और सेवा की भावना एक अमूल्य विरासत है, जो दुनिया भर के लोगों को प्रेरित करती रहेगी।

मदर टेरेसा के कार्य

मदर टेरेसा ने गरीबों, बीमारों, अनाथों और मरने वालों की सेवा के लिए कई कार्य किए। उन्होंने निम्नलिखित कार्य किए:
  • मिशनरीज ऑफ चैरिटी की स्थापना की, जो गरीबों, बीमारों, अनाथों की सेवा करने वाली एक अंतरराष्ट्रीय धार्मिक संस्था है।
  • भारत के अलावा दुनिया भर के 125 देशों में आश्रम और अस्पताल खोले।
  • गरीबों को भोजन, आश्रय और शिक्षा प्रदान की।
  • बीमार व्यक्तियों की देखभाल की।
  • अनाथों और बेघर बच्चों की देखभाल की।

मदर टेरेसा के विचार

मदर टेरेसा के विचारों में दया, सेवा और प्रेम की भावना थी। उनके कुछ सुविचार निम्नलिखित हैं:-
“यदि आप सौ लोगों को भोजन नहीं करा सकते हैं, तो कम- से -कम एक को ही करवाएं।” - मदर टेरेसा

“यह महत्वपूर्ण नहीं है, आपने कितना दिया, बल्कि यह है, कि देते समय आपने कितने प्रेम से दिया।” - मदर टेरेसा

“खूबसूरत लोग हमेशा अच्छे नहीं होते, लेकिन अच्छे लोग हमेशा खूबसूरत होते हैं।” - मदर टेरेसा

“हम सभी महान कार्य नहीं कर सकते लेकिन हम कार्यों को प्रेम से कर सकते हैं।” - मदर टेरेसा

मदर टेरेसा की विरासत

मदर टेरेसा एक महान व्यक्ति थीं, जिन्होंने अपने जीवन को दूसरों की सेवा में समर्पित कर दिया। उनकी दया और सेवा की भावना एक अमूल्य विरासत है, जो दुनिया भर के लोगों को प्रेरित करती रहेगी। उनकी विरासत को आगे बढ़ाने के लिए, मिशनरीज ऑफ चैरिटी आज भी दुनिया भर में गरीबों, बीमारों, अनाथों की सेवा कर रही है।

समापन

आशा करते हैं कि आज का यह लेख "मदर टेरेसा पर निबंध 150 शब्दों में - Mother Teresa Essay in Hindi" आपको पसंद आया और आपने कुछ नया सिखा, इस लेख को अपने दोस्तों के साथ शेयर जरुर करें।

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