इस लेख में करुण रस क्या है, करुण रस के विशेषताएं, करुण रस के सरल उदाहरण और करुण रस के उदाहरण कविता देखेंगे, जो करुण रस को समझने में मदद करेंगे।
करुण रस क्या है?
करुण रस एक महत्वपूर्ण हिंदी साहित्यिक अलंकार रस है, जो भावनात्मक अनुभव को जगाने और पाठक के हृदय में दया, सहानुभूति, दु:ख और शोक जैसी भावनाएं उत्पन्न करने का काम करता है। इस रस के उपयोग से लेखक अपने पाठकों को विभिन्न भावनाओं के साथ जोड़कर उनके साथ एक संवाद स्थापित करते हैं और साहित्य को जीवंत बनाने में सफल होते हैं।
वही हास्य रस हँसने और आनंद का भाव प्रकट करता है।
करुण रस के विशेषताएँ
1. दु:खी अनुभव: करुण रस में पाठकों के सामने दुखी अनुभवों का वर्णन किया जाता है, जो उनमें सहानुभूति पैदा करता है। ऐसे भावुक वर्णन पाठक के मन को छू जाते हैं और उन्हें वास्तविकता के साथ जोड़ देते हैं।
2. दया और सहानुभूति: करुण रस के माध्यम से लेखक पाठकों की दया और सहानुभूति के भाव को जगाते है। इससे पाठक दूसरों के संघर्षों और दुःखों को समझने और उनके साथ समन्वय करने की कोशिश करते हैं।
3. असहायता का भाव: करुण रस में असहायता और नादानी का भाव प्रकट होता है। व्यक्ति जो निर्बल होते हैं, जिन्हें उनकी समस्याओं का समाधान नहीं मिलता है, उनके लिए पाठक की सहानुभूति उत्पन्न होती है।
4. प्रेरणा: करुण रस भावनात्मक अनुभवों के माध्यम से पाठक को प्रेरित करता है। व्यक्ति जो दुखी और असहाय होते हैं, उन्हें यह रस सहायक होता है कि वे संघर्ष करें और अच्छे भविष्य की ओर बढ़ें।
करुण रस व्यक्ति के मन में दया, शोक और दुःख की भावना को उत्पन्न करते हैं और पाठक को भावनाओं के साथ जुड़ने में सहायता करते हैं। साहित्य में करुण रस का उपयोग कहानियों, कविताओं, गीतों और नाटकों में किया जाता है ताकि पाठक के मन में संवेदना और सम्बन्ध का अनुभव हो सके।
करुण रस का उदाहरण - Karun Ras ka Udaharan
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| करुण रस के 10+ उदाहरण - Karun Ras ka Udaharan |
करुण रस के 10+ सरल उदाहरण
- विदाई के समय माँ के आँसू बहने लगे, देख कर उनका दिल टूट गया।
- बच्चे को हॉस्टल पर छोड़ने का विचार आने पर, माँ के आँचल में बहता हुआ आँसू गिरा।
- रोज़ रात को विदेश में काम करने वाले पिताजी से बात करते हुए, दूरस्थ बेटे के आँसू बहने लगे।
- अकेलापन से घिरे हुए बुढ़िया ने धीमी स्वर से कहा, "मेरी कोई सुने वाला नहीं है, कोई मेरी परेशानियों को समझे।"
- एक बेरोज़गार युवक के चेहरे पर दु:ख छाया हुआ था, उसकी आँखों में आँसू बहने लगे।
- विदेश में पढ़ाई करते बच्चे को घर से दूर भेजने पर, माँ के आँसू उसके बाहों पर गिरे।
- दुर्भाग्यवश गरीब वृद्ध व्यक्ति को उसके अस्पताल में उपचार के लिए पैसे नहीं मिले, जिससे उसके आँसू नहाते दिखाई देने लगे।
- अपने प्रियजन की मृत्यु सुनकर, उसके साथी का मन व्यथित हो गया और उसके आँसू बहने लगा।
- गरीब बालक को खाने के लिए कुछ मिला नहीं, जिससे वह रोने लगा।
- भूखे पेट बिना किसी रोटी के माँ के गोद में सोते बच्चे की दया भरी वीणा सुनकर, पाठकों की आँखों में आँसू भर आए।
- सेना के शहीदों के परिवारों के दर्द भरे चेहरे ने उनकी करुणा भावना को जगाया।
- वृद्ध आदमी को रास्ते पर घर से निकाल दिया गया, उसकी आँखों में आँसू बह गए।
यहां दिए गए उदाहरण प्रकारों के कई करुणान्वित स्थितियों को दर्शाते हैं, जो पाठकों के मन में भावनाओं को जगाते हैं और उन्हें सहानुभूति का अनुभव कराते हैं। करुण रस साहित्य को संवेदनशील और प्रभावी बनाने में मदद करता है।
करुण रस के उदाहरण कविता
अनमोल रूप तेरी मासूमियत,हर बिखरी हुई, चांदनी रात।क्या करूँ मैं तुझसे दूर जाकर,अपनी ही यादों से बिछड़ कर।माँगे बचपन के वो दिन फिर से,जब बागों में छुप जाती थीं छाएं।खिले हुए फूलों के संग-संग वो,मुस्काती गाये कविताएं।धुले हुए वो बाल, शीतल हवाएं,माँ के आँचल में सुलाएं।जब मैं रोता था, वो हँसती थीं,हर दर्द को दूर भगाएं।खुद बारिश की बूँदों की तरह,वो बाँहें सहलाती थीं मुझे।दुनिया के सारे ग़मों के बीच,मेरे लिए वो थीं खुशियों की झिलमिल।पलकों पे वो आँखों से गिरने वाले,आँसू जैसे गहरे समंदर।मेरे दर्द को समझती थी वो,बिन बोले हर रिश्ते से नियार।अब वो दिन छलकते हैं आँखों में,सोचकर उन्हें जिया करूँ।जब दर्द मेरा मिट जाता था सीने से,तो उनकी दुआएं लिया करूँ।बस इतनी सी एक माँग है तुझसे,ओ दिलवाली मेरी माँ।मुझे फिर से उस पल का आनंद दे,जब था तुझसे गले मिल कर समाँ।
