यण संधि के 100 उदाहरण PDF सहित - Yan Sandhi ke Udaharan

यण संधि के 100+ उदाहरण हमें इसे बेहतर तरीके से समझने में मदद करते हैं।

Yan Sandhi ke Udaharan in Hindi: यण संधि एक विशेष प्रकार की संधि है जो संस्कृत और हिंदी भाषा में प्रयोग होती है। संस्कृत व्याकरण में "यण्" एक स्वर का नाम है जो 'य' वर्ण को दर्शाता है। इससे ज्ञात होता है कि उस संधि के द्वारा शब्दों में 'य' वर्ण का बदलाव होता है।

यण संधि की परिभाषा इस प्रकार है यदि इ, ई, उ, ऊ, ऋ के बाद कोई असमान स्वर रहे तो इ और ई के बदले य्, उ और ऊ के बदले व् और ऋ के बदले र् हो जाता है।

यण संधि के नियम निम्नलिखित हैं:

  • इ + अ = य्
  • इ + आ = या
  • ई + आ = य्
  • उ + आ = व्
  • ऊ + आ = व्
  • ऋ + आ = र्

यण संधि (Yan Sandhi) के उदाहरण स्पष्टीकरण सहित

  • यदि + अपि = यद्यपि - इसमें यदि के अंत इ और अपि के शुरू में अ जुड़कर य् हो गया है।
  • इति + आदि = इत्यादि - इस उदाहरण में इ और आ मिलकर या बन गया है।
  • नदी + अर्पण = नद्यर्पण - इसमें ई और अ के बदले य् बन गया है।
  • सु + आगत = स्वागत - इसमें उ और आ मिलकर व् बन गया है।
  • वधू + अर्पण = वध्वर्पण - इसमें ऊ और अ के बदले व् प्रयुक्त हुआ है।
  • पितृ + आज्ञा = पित्राज्ञा - इसमें ऋ और आ के स्थान पर र प्रयुक्त हुआ है।
ये थे यण संधि के कुछ उदाहरण स्पष्टीकरण के साथ। आशा करते हैं कि इनसे आपको यण संधि के मूलभूत नियम समझ में आ गया होगा। चलिए अब यण संधि के 100+ उदाहरण देखते हैं जिनसे आपको यण संधि और बेहतर तरीके से समझ आएगा।

यण संधि के 100 उदाहरण PDF सहित - Yan Sandhi ke Udaharan
यण संधि के 100 उदाहरण PDF सहित

यण संधि के 100+ उदाहरण - Yan Sandhi ke Udaharan


संधि विच्छेद यण संधि
यदि + अपि यद्यपि
इति + आदि इत्यादि
अति + अधिक अत्यधिक
अति + अंत अत्यंत
रीती + अनुसार रीत्यनुसार
जाति + अभिमान जात्यभिमान
गति + अवरोध गत्यवरोध
इति + अर्थ इत्यर्थ
अति + अल्प अत्यल्प
प्रति + अर्पण प्रत्यर्पण
प्रति + अभिज्ञ प्रत्यभिज्ञ
परि + अवसान पर्यवसान
वि + अर्थ व्यर्थ
प्रति + अंतर प्रत्यंतर
गति + अनुसार गत्यनुसार
अधि + अक्ष अध्यक्ष
अभि + अंतर अभ्यन्तर
अधि + अयन अध्ययन
राशि + अंतरण राश्यंतरण
अभि + अर्थना अभ्यर्थना
वि + अवधान व्यवधान
त्रि + अक्षर त्र्यक्षर
वि + असन व्यसन
अग्नि + अस्त्र आग्न्यस्त्र
बुद्धि + अनुसार बुद्ध्यनुसार
विधि + अर्थ विध्यर्थ
त्रि + अम्बकम् त्र्यम्बकम्
हरि + अंक हर्यंक
परि + अटन पर्यटन
वि + अय व्यय
देवी + अंग देव्यंग
देवी + अर्पण देव्यर्पण
स्त्री + अधिकार स्त्र्यधिकार
नदी + अंबु नघंबु
मही + अर्चन मह्यर्चन
नदी + अर्पण नघर्पण
नदी + अर्चन नघर्चना
सती + अर्पण सत्यर्पण
देवी + अर्पित देव्यर्पित
नदी + अन्त नघन्त
परि + अंक पर्यंक
परि + अवेक्षण पर्यवेक्षण
वि + अंजन व्यंजन
वि + अभिचार व्यभिचार
वि + अवसाय व्यवसाय
अभि + अर्थी अभ्यर्थी
प्रति + अर्पण प्रत्यर्पण
वि + अंग्य व्यंग्य
अधि + अक्षर अध्यक्षर
प्रति + अपकार प्रत्ययकार

यण संधि के 50 उदाहरण

संधि विच्छेद यण संधि
द्वि + अर्थी द्व्यर्थी
वि + अक्त व्यक्त्त
आदि + अंत आघंत
ध्वनि + अर्थ ध्वन्यर्थ
स्वस्ति + अयन स्वस्त्ययन
वृद्धि + आदेश वृध्यादेश
इति + अलम् इत्यलम्
यदि + अपि यघपि
नि + अस्त न्यस्त
वि + अग्र व्यग्र
परि + अवेक्षक पर्यवेक्षक
वि + अष्टि व्यष्टि
वि + अवहार व्यवहार
परि + आवरण पर्यावरण
वि + आस व्यास
अधि + आदेश अध्यादेश
प्रति + आशी प्रत्याशी
वि + आकुल व्याकुल
प्रति + आवर्तन प्रत्यावर्तन
प्रति + आभूति प्रत्याभूति
वि + आवृत्त व्यावृत्त
वि + आहत व्याहत
वि + आवर्तन व्यावर्तन
शक्ति + आराधना शक्त्याराधना
अभि + आस अभ्यास
नि + आय न्याय
प्रति + आघात प्रत्याघात
अति + आवश्यक अत्यावश्यक
अति + आधुनिक अत्याधुनिक
प्रति + आरोप प्रत्यारोप
वि + आकरण व्याकरण
प्राप्ति + आशा प्राप्त्याशा
वि + आघात व्याघात
नि + आस न्यास
वि + आपक व्यापक
ध्वनि + आत्मक ध्वन्यात्मक
ध्वनि + आलोक ध्वन्यालोक
प्रति + आशा प्रत्याशा
प्रति + आख्यान प्रत्याख्यान
वि + अस्त व्यस्त
वि + अवस्था व्यवस्था
प्रति + अय प्रत्यय
परि + अंत पर्यंत
प्रति + अक्षि प्रत्यक्ष
इति + अर्थ इत्यर्थ
मति + अनुसार मत्यनुसार
प्रति + अंचा प्रत्यंचा
वि + आप्त व्याप्त
इति + आदि इत्यादि
अभि + आगत अभ्यागत
वि + आयाम व्यायाम
वि + आख्यान व्याख्यान
अधि + आपक अध्यापक
अधि + आत्म अध्यात्म
प्रति + आशित प्रत्याशित
प्रति + आरोपण प्रत्यारोपण
वि + आधि व्याधि
अग्नि + आशय अग्न्याशय
वि + आगत व्यागत
प्रति + आहार प्रत्याहार
परि + आप्त पर्याप्त
अति + आनंद अत्यानंद
परि + आय पर्याय
अति + आचार अत्याचार
अधि + आय अध्याय

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अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद...

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My name is Gyanesh Kushwaha, and I’m a college student who’s passionate about reading, writing and coding. I am here to share straightforward advice to students. So if you’re a student (high school, college, or beyond) looking for tips on studying, …

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