सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाले शेयर (High Return Share List)
शेयर मार्केट एक अच्छा विकल्प हो सकता है जो इनकम का एक स्रोत बन सकता है। अगर आप भी शेयर मार्केट में निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं और कंफ्यूज है कि कौन से शेयर में आपको निवेश करना चाहिए। तो आज के इस पोस्ट में हम सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाले शेयर के बारे में चर्चा करेंगे, जो आपको सही शेयर चुनने में मदद करेगा।
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सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाले शेयर (High Return Share List) |
शेयर मार्केट में रिटर्न क्या होता है?
शेयर मार्केट में रिटर्न का मतलब होता है कि आपने किसी शेयर में निवेश करने पर कितना पैसा कमाया है। रिटर्न को प्रतिशत के रूप में व्यक्त किया जाता है। यानि आपको कितने प्रतिशत (%) का लाभ हुआ, यह रिटर्न कहलाता है।
रिटर्न के प्रकार:
1. पूंजीगत लाभ (Capital Gain):
यह सबसे सामान्य प्रकार का रिटर्न है, जो आप शेयर को खरीद मूल्य से ज्यादा में बेचते हैं, यह लाभ खरीद मूल्य और बिक्री मूल्य के बीच के अंतर से ज्ञात होता हैं। उदाहरण के लिए, अगर आप एक शेयर ₹100 में खरीदते हैं और इसे ₹120 में बेचते हैं, तो आपका पूंजीगत लाभ ₹20 होगा।
2. लाभांश (Dividend):
कुछ कंपनियां अपने मुनाफे का एक हिस्सा निवेशकों को लाभांश के रूप में देती हैं।लाभांश नकद, स्टॉक या दोनों रूपों में हो सकता है। आमतौर पर, जितने अधिक शेयर आपके पास होंगे, उतना अधिक लाभांश आपको मिल सकता है।
3. बोनस शेयर (Bonus Share):
कभी-कभी कंपनियां निवेशकों को मुफ्त में अधिक शेयर देते हैं। यह आपके निवेश क्षमता को बढ़ा देता है लेकिन कुल रिटर्न पर प्रभाव नहीं डालता।
4. कुल रिटर्न (Total Return):
कुल रिटर्न, पूंजीगत लाभ और लाभांश को मिलाने पर प्राप्त रिटर्न को दर्शाता है। उदाहरण के लिए, अगर आप ₹100 में शेयर खरीदते हैं, इसे ₹120 में बेचते हैं और ₹5 का लाभांश प्राप्त करते हैं, तो आपका कुल रिटर्न ₹25 होगा।
5. निरपेक्ष रिटर्न (Absolute Return):
यह किसी खास समय में आपके लाभ या हानि को दर्शाता है। इसका मतलब है कि यह समय की परवाह किये बिना बताता है कि आपके शेयर का ग्राफ ऊपर जा रहा है या नीचे।
6. वार्षिक रिटर्न (Annual Return):
जैसे की इसके नाम से ही पता चल रहा है कि यह वार्षिक रिटर्न की बात कर रहा है। दरअसल यह एक वर्ष के रिटर्न की बात न करके कुल सालों के रिटर्न की औसत दर को दर्शाता है। यह चक्रवृद्धि प्रभाव को ध्यान में रखता है, और किसी विशेष समय के दौरान रिटर्न का अनुमानित माप को व्यक्त करता है।
शेयर मार्केट में रिटर्न की प्रक्रिया कैसे काम करती है?
शेयर मार्केट में रिटर्न की प्रक्रिया कई कारकों पर निर्भर करती है, जैसे कि:
- कंपनी का प्रदर्शन: कंपनी का प्रदर्शन शेयर की कीमत को प्रभावित करता है। अच्छी तरह से प्रदर्शन करने वाली कंपनियों के शेयरों का मूल्य आमतौर पर बढ़ता है, जिससे हाई-रिटर्न की सम्भावना बढती है। जबकि खराब प्रदर्शन करने वाली कंपनियों के शेयरों का मूल्य आमतौर पर घटता है और कम रिटर्न देता है।
- बाजार की स्थिति: बाजार की स्थिति भी शेयरों की कीमतों पर प्रभाव डालती है। जब बाजार अच्छा चल रहा होता है, तब शेयरों की कीमतें आमतौर पर बढ़ती हैं। जब बाजार खराब होता है, तो शेयरों की कीमतें आमतौर पर घटती हैं।
- मांग और आपूर्ति: शेयरों की मांग और आपूर्ति भी शेयर की कीमत पर प्रभाव डालती है। जब शेयरों की मांग ज्यादा होती है और आपूर्ति कम होती है, तो शेयर की कीमत बढ़ती है। जब शेयरों की आपूर्ति अधिक होती है और मांग कम होती है, तो शेयर की कीमत आमतौर पर घटती है।
हमने जान लिया हैं कि शेयर मार्केट में रिटर्न क्या होता है और किन कारकों पर यह निर्भर करता हैं। चलिए अब देखते है सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाले शेयर कौन से हैं?
सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाले शेयर (1980 से 2024)
कंपनी नाम | कुल रिटर्न (%) |
---|---|
रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) | 101,000 |
टाइटन इंडस्ट्रीज | 42,000 |
विप्रो | 39,000 |
बजाज फाइनेंस | 38,000 |
एशियन पेंट्स | 37,000 |
एचडीएफसी बैंक | 30,000 |
ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज | 28,000 |
टीसीएस | 27,000 |
आइचर मोटर | 26,000 |
इन्फोसिस | 25,000 |
डॉ रेड्डीज लेबोरेटरीज | 6,500 |
मारुति सुज़ुकी | 22,600 |
हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL) | 22,000 |
सन फार्मास्यूटिकल्स | 47,000 |
इन कंपनियों के ज्यादा रिटर्न के कारण
- स्थिर और ब्रांडिंग: इनमें से ज्यादातर कंपनियों के पास विश्वसनीय और ब्रांड है, जिनसे निवेशकों और कस्टमर को उनके उत्पादों और सेवाओं पर विश्वास रहता है।
- कारोबार का नियंत्रण और प्रबंधन: ये कंपनियाँ कारोबार की अच्छी तरह प्रबंधन और नियंत्रण करती हैं, इसके साथ अपने उत्पादों और सेवाओं को अच्छे से प्रदान करती हैं।
- उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता: इन कंपनियों के उत्पाद और सेवाएं अच्छी गुणवत्ता वाली होती हैं, जिससे उन्हें बाजार में एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त होता है।
- स्थिर आर्थिक स्थिति: ये कंपनियाँ आर्थिक दृष्टि से स्थिर होती हैं और अपनी वित्तीय स्थिति को बनाए रखती हैं, जिससे इन कंपनियों की स्थिति लंबे समय तक स्थिर बनी रहती है।
- नए अनुसंधान एवं विकास: इन कंपनियों के निवेश करने का एक महत्वपूर्ण कारण इनकी अनुसंधान एवं विकास में है। ये नए तकनीकी और उत्पादों के निर्माण में निवेश करते हैं, जिससे इन्हें बाजार में एक अग्रणी स्थान मिलता है।
शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले कुछ महत्वपूर्ण बातें
- शेयर मार्केट में हमेशा रिस्क होता है। अगर आप शेयर मार्केट में निवेश करना चाहते हैं, तो आपको अपनी पूरी निवेश गंवाने का रिस्क उठाने के लिए तैयार रहना चाहिए।
- शेयर मार्केट में रिटर्न का पता नहीं चलता है। आप यह नहीं जान सकते कि आप कितना पैसा कमाएंगे या गंवाएंगे।
- शेयर मार्केट में लॉन्ग-टर्म के लिए निवेश करना बेहतर होता है।
निष्कर्ष
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