भाववाचक संज्ञा (Bhav vachak Sangya) क्या है, 100 उदाहरण सहित
नमस्ते दोस्तों! आज के इस पोस्ट में भाववाचक संज्ञा के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे, साथ इसके 100 उदाहरण देखेंगे, और जानेंगे कि भाववाचक संज्ञा को जातिवाचक संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, और अव्यय से कैसे बनाए जा सकता है? तो दोस्तों, इन सभी चीजों को गहराई से जानने के लिए इस पोस्ट को पूरा पढ़े। पिछले पोस्ट में हमने द्रव्यवाचक संज्ञा के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त किया था।
भाववाचक संज्ञा किसे कहते है? (Bhav vachak Sangya Kise Kahate Hain)
भाववाचक संज्ञाएँ भाषा में भाव, अनुभव, भावना, विचार, आदि को व्यक्त करते हैं, और वाणिज्यिक, स्वामित्व, समय, स्थान आदि के साथ संबंधित नहीं होते हैं। इन संज्ञाओं के उदाहरण निम्नलिखित हैं:
प्यार: यह संज्ञा किसी की भावना, स्नेह या प्रेम को व्यक्त करती है। उदाहरण: "मेरे दिल में तुम्हारे लिए प्यार है।"
दुःख: यह संज्ञा किसी के दुख, वेदना या विपत्ति को व्यक्त करती है। उदाहरण: "उसके मौत के बाद मुझे बहुत दुःख हुआ।"
आश्चर्य: यह संज्ञा किसी के अद्भुतता, हैरानी या चमत्कार को व्यक्त करती है। उदाहरण: "जब मैंने उसे स्नेहपूर्ण मुस्कान दिया है, वह आश्चर्य से घूरने लगी।"
भाववाचक संज्ञा की विविधता (Bhav vachak Sangya ki Vividhata)
भाववाचक संज्ञाएँ हमें विविध भावों और अनुभवों को समझने में मदद करती हैं। वे सामान्य शब्दों को आराम से अद्यतित करके विशेष भाव और अर्थ प्रकट करती हैं। यहां कुछ उदाहरण हैं जो विविधता की विशेषता को प्रदर्शित करते हैं:
- "विराट कोहली ने खुशी के साथ बैट उठाया।"
- "उसकी आँखों में गहरा दुःख छुपा था।"
- "बच्चे ने देखते ही आश्चर्यचकित होकर मुँह खोल दिया।"
इन उदाहरणों में भाववाचक संज्ञाएँ विविध भावों को व्यक्त करने में मदद करती हैं, जैसे खुशी, दुःख और आश्चर्य। इन शब्दों का उपयोग करके, हम उन अनुभवों को समझने का अवसर प्राप्त करते हैं, जो सामान्य शब्दों से अलग होते हैं।
भाववाचक संज्ञाएँ भाषा को समृद्ध, रंगीन और जीवंत बनाती हैं। यहां कई और उदाहरण हैं जिनमें भाववाचक संज्ञाएँ भाषा की विविधता को दर्शाती हैं:
- "उसका उत्साह देखकर सभी उसे बधाई देने लगे।"
- "उनकी दर्दभरी आवाज़ रुख और सुननें वालों के दिल को छू गई।"
- "उसकी मुस्कान सभी को आनंदित कर देती है।"
- "सामरिक जीवन के दौरान उसकी साहसपूर्णता ने सबको प्रभावित किया।"
- "उसकी स्वतंत्रता और आत्मविश्वास ने उसे अपने लक्ष्यों की ओर अग्रसर किया।"
- "उसकी आंखों में प्रेम की ज्योति चमक रही थी।"
- "उसकी आस्था उसे आगे बढ़ने के लिए संबल रही है।"
- "राम धन की सम्पत्ति के बावजूद भलाई का रास्ता चुनता है।"
- "उसका निर्माणकारी मनोबल उसे असाधारण उपलब्धियों की ओर ले जाता है।"
- "उसकी साहित्यिक रचनाओं में अद्भुत रस छिपा होता है।"
- "वह दरिद्रता से सबका सहारा बन गया।"
- "उसकी अधीनता के कारण वह सम्पूर्ण संगठन को नेतृत्व करता है।"
- "सीता की संगीत साधना सभी को मोह लेती है।"
भाववाचक संज्ञा के कुछ महत्वपूर्ण विशेषताएं
भाववाचक संज्ञा भाषा का एक महत्वपूर्ण और रंगीन हिस्सा है जो हमें व्यक्त करने और समझाने में मदद करती है। इसकी महत्वपूर्ण विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
1. भावनात्मकता: भाववाचक संज्ञाएँ हमारे भाव, भावनाएं और अनुभवों को व्यक्त करने में सक्षम होती हैं। वे हमें समय, स्थान और परिस्थितियों के अनुरूप भाषा का उपयोग करने की संभावना प्रदान करती हैं।
2. विविधता: भाववाचक संज्ञाएँ हमें विविध भावों और अनुभवों को समझने में मदद करती हैं। वे सामान्य शब्दों को आराम से अद्यतित करके विशेष भाव और अर्थ प्रकट करती हैं।
3. प्रभावशाली: भाववाचक संज्ञाएँ हमारी भाषा को प्रभावशाली बनाती हैं। वे पाठकों और सुनने वालों में उद्दीपन और संवेदना जगाती हैं, उन्हें वास्तविकता और विभावना के करीब ले जाती हैं।
भाववाचक संज्ञा के 100 उदाहरण (Bhav vachak Sangya ke 100 Udaharan)
- प्यार
- दुःख
- आश्चर्य
- शोक
- उत्साह
- भय
- घृणा
- सम्मान
- संतोष
- आकुलता
- विश्वास
- द्वेष
- निराशा
- भ्रम
- अभिमान
- उदारता
- अभिभावक
- उन्माद
- अधिकार
- आनंद
- खुशी
- उदारता
- समझ
- नफरत
- आशा
- भ्रष्टाचार
- अविश्वास
- उद्दीपन
- विश्वास
- सफलता
- अवहेलना
- सम्मोहन
- दुश्मनी
- संवेदनशीलता
- अभाव
- उद्देश्य
- शिक्षा
- समर्थन
- अपमान
- शांति
- विवाद
- अपराध
- दया
- गम्भीरता
- उदारता
- आलस्य
- गर्व
- शोषण
- अभाव
- समझ
- खुशी
- शोक
- उन्माद
- भय
- निराशा
- आनंद
- संतुष्टि
- उत्साह
- अनुभव
- असमंजस
- उद्देश्य
- उत्साह
- निष्कर्ष
- संयम
- अभिवादन
- समझ
- भ्रम
- संशय
- अस्थिरता
- दोष
- वासना
- आश्चर्य
- न्याय
- निर्णय
- उदासीनता
- साहस
- स्वतंत्रता
- प्रामाणिकता
- विचारशीलता
- आवागमन
- प्रेम
- आस्था
- सम्पत्ति
- निर्माण
- प्रगति
- साहित्य
- दरिद्रता
- अधीनता
- संगीत
- उत्पादन
- सुख
- निर्दयता
- समाधान
- प्रतिष्ठा
- आत्मविश्वास
- विश्राम
- यश
- विभाजन
- अभिप्रेत्य
- बचपन
ये कुछ उदाहरण भाववाचक संज्ञाओं के हैं। भाषा में और भी कई ऐसे संज्ञाएँ हो सकती हैं जो भाव, भावना और गुणों को व्यक्त करती हैं।
भाववाचक संज्ञा बनाना (Bhav vachak Sangya Banana)
1. जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा बनाना
जो किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, वर्ग, समूह या विचार की जाति को दर्शाती हैं, उसे जातिवचक संज्ञा कहते है। इन संज्ञाओं का उपयोग करके और इनमें प्रत्यय जोड़कर भाववाचक संज्ञा बनाया जा सकता है।
क्र. | जातिवाचक संज्ञा + प्रत्यय | भाववाचक संज्ञा |
---|---|---|
01. | मित्र + ता | मित्रता |
02. | प्रभु + ता | प्रभुता |
03. | बच्चा + पन | बचपन |
04. | मुर्ख + ता | मूर्खता |
05. | युवा + अन | यौवन |
06. | बालक + पन | बालकपन |
07. | पुरुष + अ | पौरुष |
08. | पुरुष + त्व | पुरुषत्व |
09. | स्त्रीत्व + त्व | स्त्रीत्व |
10. | पात्र + ता | पात्रता |
2. सर्वनाम से भाववाचक संज्ञा बनाना
सर्वनाम शब्दों (Sarvnam) के साथ, प्रत्यय जोड़कर भी भाववाचक संज्ञा की रचना की जा सकती हैं। यह प्रत्यय संज्ञा को विशेषताओं और भावनाओं को व्यक्त करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह भाषा को गहराई, विस्तृतता और अर्थपूर्णता प्रदान करता है। यहां दिए गए उदाहरणों में, सर्वनाम शब्द के साथ प्रत्यय जोड़कर भाववाचक संज्ञा शब्दों की रचना की गई है:
सर्वनाम + प्रत्यय = भाववाचक संज्ञा
- पराया + पन = परायापन (दूसरों के साथीपन)
- निज + त्व = निजत्व (अपनेपन)
- अपना + पन = अपनापन (स्वामित्व)
- अपना + त्व = अपनत्व (निजत्व)
- मम + ता = ममता (स्नेह)
- मम + त्व = ममत्व (अधिकार)
- अहम् + कार = अहंकार (अभिमान)
- सर्व + स्व = सर्वस्व (सब कुछ)
3. विशेषण से भाववाचक संज्ञा बनाना
विशेषण शब्दों से भी भाववाचक संज्ञा की रचना की जा सकती है, इनके साथ प्रत्यय जोड़कर भाववाचक संज्ञा शब्द बना सकते हैं।
विशेषण + प्रत्यय = भाववाचक संज्ञा
- अच्छा + आई = अच्छाई
- छोटा + पन = छुटपन
- तीक्ष्ण + ता = तीक्ष्णता
- नीच + ता = नीचता
- बड़ा + पन = बड़प्पन
- बड़ा + आई = बड़ाई
- सुंदर + ता = सुंदरता
- सुंदर + य = सौंदर्य
- मीठा + आस = मिठास
- एक + ता = एकता
- एक + त्व = एकत्व
- दुष्ट + ता = दुष्टता
- संपन्न + ता = सम्पन्नता
- शीघ्र + ता = शीघ्रता
- काला + पन = कालापन
- निपुण + ता = निपुणता
4. क्रिया से भाववाचक संज्ञा बनाना
मूल क्रिया शब्दो से भाववाचक संज्ञा की रचना की जा सकती है। क्रिया शब्दों के साथ प्रत्यय जोड़कर भाववाचक संज्ञा बनाया जाता है:-
क्रिया + प्रत्यय = भाववाचक संज्ञा
- घबरा + आहट = घबराहट
- मिल + आवट = मिलावट
- मिल + आप = मिलाप
- चढ़ + आव = चढ़ाव
- चढ़ + आई = चढ़ाई
- काट + आई = कटाई
- लिख + आवट = लिखावट
- लड़ + आई = लड़ाई
- पढ़ + आई = पढ़ाई
- थक + आवट = थकावट
5. अव्यय शब्दों से भाववाचक संज्ञा बनाना
अव्यय शब्दों से भी भाववाचक संज्ञा शब्दों बनाया जा सकती है। अव्यय शब्दों से भाववाचक संज्ञा बनाने के लिए, अव्यय के साथ प्रत्यय जोड़ा जाता है।
अव्यय + प्रत्यय = भाववाचक
- दूर + ई = दूरी
- समीप + ता = समीपता
- निकट + ता = निकटता
- नजदीक + ई = नजदीकी
अक्सर पूछें जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q4. क्या एक शब्द को भाववाचक संज्ञा बनाने के लिए केवल जातिवाचक संज्ञा या प्रत्यय का प्रयोग किया जा सकता है?
नहीं, भाववाचक संज्ञा बनाने के लिए केवल जातिवाचक संज्ञा या प्रत्यय ही आवश्यक नहीं होता है। इसके अलावा, उपसर्ग, प्रत्यय, उपसर्ग-प्रत्यय संयोजन, संधि, और संयोजक संज्ञा भी भाववाचक संज्ञा के निर्माण में उपयोग हो सकते हैं। इन संज्ञाओं के संयोजन द्वारा अधिक विशेषताएँ जोड़ी जा सकती हैं और शब्द का अर्थ पूर्णता से प्रगट होता है।
निष्कर्ष
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