पटना भारत के प्रसिद्ध शहरों में से एक हैं, पटना बिहार की राजधानी है। पटना का इतिहास काफी समृद्ध हैं, यह शहर प्राचीन काल से राजाओं - महाराजाओं का प्रमुख स्थल रहा हैं। आज के इस लेख में हम यही जानेंगे कि "पाटलिपुत्र का नाम पटना किसने रखा था" साथ ही यह पटना का इतिहास और भौगोलिक स्तिथि भी जानेंगे। तो पटना की पूरी जानकारी के इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें।
पाटलिपुत्र का नाम पटना किसने रखा था?
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पाटलिपुत्र का नाम पटना किसने रखा था |
पाटलिपुत्र का नाम पटना शेर शाह सूरी ने रखा था। वह 1538 से 1545 तक शासक थे। उन्होंने पाटलिपुत्र को पुनर्जीवित करने और इसे एक महत्वपूर्ण व्यापार और सांस्कृतिक केंद्र बनाने के लिए काम किया। उन्होंने शहर के चारों ओर एक दीवार का निर्माण किया और कई नए भवनों और बागों का निर्माण किया। उन्होंने शहर का नाम पाटलिपुत्र से बदलकर पटना रखा, जो संस्कृत शब्द "पटन" से लिया गया है, जिसका अर्थ है "बंदरगाह"।
पटना का इतिहास
पटना का इतिहास लगभग 2500 साल से भी अधिक पुराना है। यह भारत के सबसे प्राचीन शहरों में से एक है। पटना का पुराना नाम पाटलिपुत्र था। यह एक महत्वपूर्ण धार्मिक और शैक्षिक केंद्र भी था।
पाटलिपुत्र का इतिहास
पटना का इतिहास 490 ईसा पूर्व से शुरू होता है, जब हर्यक वंश के शासक अजातशत्रु ने अपनी राजधानी राजगृह से बदलकर यहां स्थापित की। उन्होंने गंगा नदी के किनारे एक मजबूत किला बनाया, जिसे अपमा दुर्ग कहा जाता था।
मौर्य साम्राज्य के दौरान, पाटलिपुत्र एक शक्तिशाली और समृद्ध शहर था। सम्राट अशोक ने यहां अपना दरबार स्थापित किया और अपने साम्राज्य को पूरे भारत में फैलाया। पाटलिपुत्र उस समय एक प्रमुख व्यापार और सांस्कृतिक केंद्र भी था।
गुप्त साम्राज्य के दौरान, पाटलिपुत्र फिर से एक महत्वपूर्ण शहर बन गया।
पाल साम्राज्य के दौरान, पाटलिपुत्र एक धार्मिक केंद्र भी बन गया। कई महत्वपूर्ण बौद्ध मंदिर और मठ यहां बनाए गए।
पटना का आधुनिक इतिहास
16वीं शताब्दी में, शेर शाह सूरी ने पाटलिपुत्र को पुनर्जीवित किया। उन्होंने शहर के चारों ओर एक दीवार का निर्माण किया और कई नए भवनों और बागों का निर्माण किया। उन्होंने शहर का नाम बदलकर पटना रखा था।
ब्रिटिश शासन के दौरान, पटना बिहार की राजधानी बन गया। यह एक महत्वपूर्ण व्यापार और सांस्कृतिक केंद्र बना रहा।
स्वतंत्रता के बाद, पटना भारत का एक प्रमुख शहर बना रहा। यह एक प्रमुख व्यापार, शिक्षा और सांस्कृतिक केंद्र है।
पटना के प्रमुख ऐतिहासिक स्थल
- कुसुमपुर धाम: यह एक प्राचीन बौद्ध मंदिर परिसर है जो 300 ईसा पूर्व से पहले का है।
- अशोक का स्तंभ: यह स्तंभ 300 ईसा पूर्व से पहले का है और इसे सम्राट अशोक ने बनवाया था।
- बौद्ध गया: यह एक महत्वपूर्ण बौद्ध तीर्थस्थल है जहां गौतम बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था।
- वैशाली: यह एक महत्वपूर्ण जैन तीर्थस्थल है जहां जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर महावीर स्वामी का जन्म हुआ था।
- राजगीर: यह एक प्राचीन शहर है जो मौर्य साम्राज्य की राजधानी था।
FAQs
1. पाटलिपुत्र का नाम पटना किसने रखा था?
पाटलिपुत्र का नाम पटना शेर शाह सूरी ने रखा था।
2. पटना का इतिहास कितना पुराना है?
पटना का इतिहास लगभग 2500 साल से भी अधिक पुराना है और यह भारत के सबसे प्राचीन शहरों में से एक है।
3. पाटलिपुत्र का इतिहास कब से शुरू हुआ?
पाटलिपुत्र का इतिहास 490 ईसा पूर्व से शुरू हुआ, जब हर्यक वंश के शासक अजातशत्रु ने इसकी राजधानी बनाई।
4. पटना के प्रमुख ऐतिहासिक स्थल कौन-कौन से हैं?
पटना के प्रमुख ऐतिहासिक स्थल इनमें शामिल हैं: कुसुमपुर धाम, अशोक का स्तंभ, बौद्ध गया, वैशाली, और राजगीर।