आज के समय बैंक अकाउंट होना अनिवार्य हो गया है, इसमें पैसे रखना और उन्हें निकालना एक सामान्य वित्तीय प्रक्रिया है। सामान्यतः तीन तरह के बैंक अकाउंट होते हैं - सेविंग अकाउंट, करेंट अकाउंट और सैलरी अकाउंट। अक्सर लोग सेविंग अकाउंट का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बैंक (सेविंग अकाउंट) में रखे गए पैसों पर भी कुछ मामलों में टैक्स लग सकता है? हाँ, बैंक में दो प्रकार के पैसे होते हैं जिन पर टैक्स लगता है - ब्याज और जमा।
आज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि बैंक में कितने पैसे पर टैक्स लगता है?
बैंक में कितने पैसे पर टैक्स लगता है (Bank mein Kitne Paise Per Tax Lagta Hai)
बैंक में कितने पैसे पर टैक्स लगता है? |
ब्याज पर टैक्स
भारतीय आयकर अधिनियम (Income Tax Act) की धारा 80TTA के तहत, सामान्य लोगों को बचत खाते पर एक वित्त वर्ष में अर्जित 10 हजार रुपये तक के ब्याज पर कोई टैक्स नहीं लगता है। हालांकि, सीनियर सिटीजंस के लिए यह लिमिट 50 हजार रुपये तक है। सेविंग अकाउंट से मिलने वाले ब्याज को अन्य स्रोतों से होने वाली आपकी इनकम में जोड़ा जाता है और फिर आपको कुल इनकम पर संबंधित टैक्स ब्रैकेट के अनुसार टैक्स देना होता है।
जमा पर टैक्स
भारतीय आयकर अधिनियम (Income Tax Act) की धारा 194N के तहत, अगर कोई व्यक्ति एक वित्त वर्ष में 20 लाख रुपये से अधिक रकम निकालता है तो उसे टीडीएस (TDS) देना पड़ेगा। टीडीएस की दर 2% होती है। इसके अलावा, अगर कोई व्यक्ति एक वित्त वर्ष में अपने बैंक खाते में 10 लाख रुपये या उससे ज्यादा राशि जमा रखता है तो उसे इस बारे में इनकम टैक्स विभाग को जानकारी देना जरूरी है। क्योंकि यह इनकम टैक्स के दायरे में आती है। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपके खिलाफ टैक्स चोरी को लेकर कदम उठा सकता है।
बैंक में टैक्स से सम्बंधित प्रश्न (FAQs)
समापन
इस प्रकार, बैंक में केवल सेविंग अकाउंट से मिलने वाले ब्याज पर टैक्स नहीं लगता है। अन्य सभी प्रकार के पैसे पर टैक्स लग सकता है। इसलिए, फाइनेंसियल सिक्यूरिटी के लिए और टैक्स से बचने के लिए अपने बैंकिंग संबंधों को ध्यानपूर्वक निरीक्षित रखना चाहिए।
आशा करते हैं कि आज के इस आर्टिकल "बैंक में कितने पैसे पर टैक्स लगता है?" द्वारा आपके सभी प्रश्नों का उत्तर मिल गया। इसे अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों के साथ शेयर जरुर करें।
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